जब कोई महिला पहली बार माँ बनती है, तो उसे जाहिर तौर पर बच्चे की देखभाल को लेकर बहुत
से सवाल और चिंताएं होती है। ऐसी महिलाओं के पास बच्चे की देखभाल की उचित जानकारी होना
आवश्यक है। उदाहरण के तौर पर, बच्चोें को नहलाना-धुलाना, खिलाना-पिलाना और उसे होने
वाली छोटी-छोटी समस्याओं में उसकी देखभाल करना। यहाँ आपको ऐसी ही कुछ महत्त्वपूर्ण
बातों के बारें में जानकारी दी जा रही है।
I) शिशु को एक दिन में कितने दूध की ज़रूरत होती है?
- नवजात शिशु पहले कुछ दिनों तक फॉर्मूला मिल्क बहुत कम मात्रा में दिया जा सकता है।
दूसरे हफ़्ते में उन्हें अधिक दूध की ज़रूरत होती है। दूध की ज़रूरी मात्रा, हर शिशु
की जरूरत के अनुसार अलग-अलग होती है।
- अधिकतर बच्चे अपने आहार पैटर्न में ख़ुद को ढाल लेते हैं, लेकिन उनके द्वारा सेवन
की जाने वाली मात्रा और उसे कितनी बार पिलाना है यह हर एक बच्चे पर अलग-अलग तरह से
निर्भर करता है। कुछ शिशु थोड़ी-थोड़ी मात्रा में थोड़ी-थोड़ी देर में आहार दूध पीते हैं।
वहीं कुछ बच्चे एक बार पेट भरने के बाद जल्दी दूसरी बार भूखे नहीं होते।
- बच्चा कितना भी छोटा क्यों न हो उसे पता होता है कि उसका पेट भर गया है या नहीं। इसीलिए
जब भी बच्चा दूध के लिए रोए तभी उसे दूध पिलाएं और जब उसकी इच्छा खत्म हो जाए तो उसके
साथ जबरजस्ती न करें
II) कैसे पता चलता है कि बच्चा भूखा है-
- यदि वह जाग जाए और हिलने-डुलने लगे
- बार-बार अपने सिर को घुमाये और मुंह खोले
- अपनी मुट्ठी या हाथ को चूसने लगे
- बहुत अधिक भूखा होने पर रोने लगता है अथवा हलचल करने लगता है, ऐसी स्थिति में शिशु
को दूध पिलाएं।
III) क्या नवजात बच्चे को पीने के लिए पानी दिया जा सकता है-
- जब तक शिशु, स्तनपान कर रहा है अथवा फॉर्मूला मिल्क ले रहा है, तब तक उसे अतिरिक्त
पानी पिलाने की ज़रूरत नहीं पड़ती। 6 महीनों तक बच्चें को पानी नहीं दिया जाना चाहिए।